रायपुर ✍️जितेन्द्र गुप्ता
एनएचएम कर्मचारी आंदोलन को लेकर भाजपा का दोहरा चरित्र उजागर – यू. डी. मिंज
भाजपा के सांसद दिखावे के लिए कर्मचारियों की मांग का समर्थन कर रहे हैं और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इनकार कर रहे हैं।
एनएचएम कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के विरोधाभासी बयानों पर कड़ा पलटवार करते हुए पूर्व संसदीय सचिव यू. डी. मिंज ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के बड़े-बड़े नेता बिना बुलाए एनएचएम कर्मचारियों के मंच पर पहुँचते थे और सरकार बनते ही सभी मांगों को तत्काल पूरा करने का वादा करते थे। मोदी की गारंटी के नाम पर झूठे आश्वासन दिए गए। लेकिन अब सत्ता में आए पौने दो साल हो गए हैं और जब कर्मचारी अपने हक की मांग कर रहे हैं, तो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री वेतन काटने और बर्खास्तगी की धमकी देकर आंदोलन कुचलने की कोशिश कर रहे हैं।भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल और भाजपा चुनावी घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष एवं दुर्ग सांसद विजय बघेल एक ओर कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के सामने उठाएंगे, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री जायज़ मांगों को बलपूर्वक दबाने और बर्खास्तगी की कार्रवाई की बात कर रहे हैं। यह भाजपा का असली चरित्र उजागर करता है कि चुनाव के समय वादा और सत्ता में आने के बाद मुकर जाना उनकी आदत है।
यू. डी. मिंज ने कहा कि छत्तीसगढ़ के एनएचएम कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं और कई जगह स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो चुकी हैं। ऐसे में कम वेतन पर भी दिन-रात सेवा देने वाले इन मेहनतकश कर्मचारियों पर सरकार का बर्बर रवैया बेहद निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद सिर्फ पत्र लिखकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकते। बीते छह महीनों में भाजपा सांसदों ने सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर दर्जनों पत्र लिखे हैं, लेकिन अब तक किसी मामले का समाधान नहीं हुआ। यह साबित करता है कि इस सरकार में अपने ही सांसदों की सुनवाई नहीं हो रही है। झूठे वादे और मोदी की गारंटी के नाम पर की गई धोखाधड़ी अक्षम्य है।
यू. डी. मिंज ने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों की मांग पूरी तरह जायज़ है। भाजपा ने 2023 के चुनावी घोषणा पत्र में 27% वेतन वृद्धि, नियमितीकरण, 10 लाख का कैशलेस बीमा, अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार, ग्रेड पे निर्धारण और 10 सूत्री मांगों का समर्थन किया था। अब सवाल है कि क्या मोदी की गारंटी सिर्फ वोट लेने का हथकंडा था?
पूर्व संसदीय सचिव मिंज ने भाजपा सरकार से मांग की है कि तानाशाही रवैया छोड़कर तत्काल एनएचएम कर्मचारियों की मांगों को पूरा किया जाए और चुनावी वादों को निभाया जाए।
